Thursday 17 November 2011

Pakhi ko National award


महिला और बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ जी को 

भी पसंद आईं अक्षिता की बातें..

14 नवम्बर को विज्ञानं भवन, नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में मुझे आर्ट 
और ब्लागिंग हेतु राष्ट्रीय बाल पुरस्कार -2011 से पुरस्कृत किया गया. 
कृष्णा तीरथ आंटी (मंत्री) जी ने मुझसे पूछा कि आप क्या करती हो, तो 
मैंने बताया कि प्यारी-प्यारी ड्राइंग बनाती हूँ और मेरा एक ब्लॉग भी है. 
आंटी जी तो बहुत खुश हुईं और मुझे खूब स्नेह दिया, प्यार किया. 
आखिर पुरस्कार पाने वालों में मैं ही तो सबसे कम उम्र की थी.

Thursday 10 November 2011

अक्षिता (पाखी) को 'बाल-दिवस' पर 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार'

आप सभी लोगों को सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि वर्ष 2011 हेतु मेरा नाम राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (National Child Award) हेतु चयनित हुआ है. यह पुरस्कार मुझे 'कला और ब्लागिंग' (Excellence in the Field of Art and Blogging) के क्षेत्र में उपलब्धि के लिए बाल दिवस, 14 नवम्बर 2011 को विज्ञानं भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्णा तीर्थ जी द्वारा दिया जायेगा. इसके तहत मुझे 10,000 रूपये नकद राशि, एक मेडल और प्रमाण-पत्र दिया जायेगा.


यह प्रथम अवसर होगा, जब किसी प्रतिभा को सरकारी स्तर पर हिंदी ब्लागिंग के लिए पुरस्कृत-सम्मानित किया जायेगा. अक्षिता का ब्लॉग 'पाखी की दुनिया' (www.pakhi-akshita.blogspot.com/) हिंदी के चर्चित ब्लॉग में से है. फ़िलहाल अक्षिता पोर्टब्लेयर में कारमेल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में के. जी.- प्रथम की छात्रा हैं और उनके इस ब्लॉग का सञ्चालन उनके माता-पिता द्वारा किया जाता है, पर इस पर जिस रूप में अक्षिता द्वारा बनाये चित्र, पेंटिंग्स, फोटोग्राफ और अक्षिता की बातों को प्रस्तुत किया जाता है, वह इस ब्लॉग को रोचक बनता है.

नन्हीं ब्लागर अक्षिता (पाखी) को इस गौरवमयी उपलब्धि पर अनेकोंनेक शुभकामनायें और बधाइयाँ !!




मेरा फोटो
मेरा नाम अक्षिता है. मम्मी-पापा मुझे प्यार से 'पाखी' नाम से बुलाते हैं. मुझे भी अपना ये निक-नेम अच्छा लगता है. आप भी मुझे मेरे निक-नेम 'पाखी' से बुला/लिख सकते हैं. पाखी माने पक्षी या चिड़िया. मैं भी तो एक चिड़िया ही हूँ, जो दिन भर इधर-उधर फुदकती रहती हूँ. मेरा जन्म 25 मार्च को हुआ. अब इसे अपने दिमाग की डायरी में नोट कर लीजिये तभी तो आप मुझे जन्मदिन की बधाई देंगे और ढेर सारे गिफ्ट भी. और हाँ ... खूब सारा प्यार और आशीर्वाद भी. मुझे अच्छा लगता है-ड्राइंग बनाना, प्लेयिंग,डांसिंग,आइसक्रीम खाना और ढेर सारी शरारतें करना.मेरे ममा- पापा श्रीमती आकांक्षा - श्री कृष्ण कुमार यादव हैं. मेरा ददिहाल आजमगढ़ और ननिहाल सैदपुर (गाजीपुर) में है. फ़िलहाल ममा-पापा के साथ पोर्टब्लेयर (अंडमान) में हूँ. मेरी छोटी बहन तन्वी भी है. मैं एल.के.जी.(LKG)में पढ़ती हूँ. 'पाखी की दुनिया' में आप पायेंगें मेरी ढेर सारी बातें, घूमना-फिरना, मेरी क्रिएटिविटी, मेरी फेमिली और स्कूल की बातें और भी बहुत कुछ.यह ब्लॉग 24 जून, 2009 को आरंभ हुआ. अब तो यहाँ भी खूब फुदक-फुदक करुँगी.पर अभी छोटी हूँ, इसलिए ममा-पापा के माध्यम से मेरी भावनाएं यहाँ व्यक्त होंगीं !!






दादीजी का चश्मा / डॉ. नागेश पांडेय 'संजय'



दादीजी का चश्मा
दादीजी का चश्मा खोया,
सबकी आफत आई.

सब मिल खोज रहे हैं फिर भी
पड़ा नहीं दिखलाई.

दादी अपने सर पर देखो,
मीना जब चिल्लाई.

राम राम फिर गजब हो गया
दादीजी शरमाई.

Mob. 094516 45033

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