बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा की अंग्रेजी एकांकी कृति द ड्रीम्स का 17 नवम्बर 2005 को लोकार्पण करते हुए महामहिम राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे.अब्दुल कलाम। साथ में हैं वरिष्ठ साहित्यकार व पुलिस महानिरीक्षक श्री आर.पी.सिंह।
Yaaden.....
बाल दिवस 2007 की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति भवन में महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटील को अपनी पुस्तक सपने, द ड्रीम्स व बच्चों का अखबार टाबर टोल़ी अर्पित करते हुए दीनदयाल शर्मा
बाल साहित्य की दुनिया में मैं भी एक हूँ......... नाम है दीनदयाल शर्मा.बच्चों का संसार ही मेरी साँसें है.बच्चों के बिना सब कुछ सूना है. बच्चों में कोई भेद भाव नहीं होता, आप भी एक बार बच्चा बन कर देखें......बच्चा हमें हँसना सिखाता है...बच्चा मिलजुल कर रहना सिखाता है. बच्चा प्यार करना सिखाता है..आओ..हम बच्चों से सीखें...हँसना सीखें...जीना सीखें... जन्म : गणगौर पर्व, जन्म भूमि : जसाना, तहसील : नोहर , जिला : हनुमानगढ़ , पिन - 335512, राजस्थान, भारत, शिक्षा : एम.कॉम. ( व्यावसायिक प्रशासन, 1981 ), पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (1985), स्काउट मास्टर बेसिक कोर्स (1979, 1990 ), लेखन : 1975 से , हिंदी व राजस्थानी में समानांतर लेखन , विधा : बाल साहित्य, व्यंग्य, काव्य, नाटक, कथा, समीक्षा आदि. उपलब्धियां : हिंदी - राजस्थानी में 30 पुस्तकें प्रकाशित, 20 पुस्तकें संपादित, 15 रेडियो नाटक प्रसारित, रूपक तथा हास्य झलकियाँ आकाशवाणी से प्रसारित, " डॉ. प्रभाकर माचवे : सौ दृष्टिकोण " सहित राजस्थान के शिक्षक दिवस व अन्य प्रकाशनों में रचनाएँ प्रकाशित. आकाशवाणी व दूरदर्शन
Nature is the best teacher
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Nature is the best teacher.
It is mother of all the creatures.
Nature always gives us the hope,
To climb up in life with any kind of rope.
BY- AKSHITAA...
दिव्यांशी की पहली कविता 'आने वाले हैं सर !'
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*आने वाले हैं सर*
कविता : दिव्यांशी शर्मा
पंखा चलता सर सर सर,
आने वाले हैं मेरे सर।
पूछेगें, 'क्या है करसर?'
तब घूमेगा मेरा सर!
जैसे धरती लगाए चक्कर,
देखूँ...
सैंसूं न्यारो घर है म्हारो / दीनदयाल शर्मा
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टाबरां री राजस्थानी कविता-
सैंसूं न्यारो घर है म्हारो / दीनदयाल शर्मा
सैंसूं चोखो सैंसूं न्यारो
घर म्हारो है सैंसूं प्यारो
ईंट-ईंट मीणत सूं जोड़ी
जणां ...
नाती अभिमन्यु / चार अलग - अलग मुद्राओं में नाती...
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हम सपरिवार बेटी के ससुराल कूदन ( सीकर, राजस्थान.) गए . वहां सबसे मिले..
डेढ़ वर्षीय नाती अभिमन्यु की चंचलता ने मन मोह लिया..
चार अलग - अलग मुद्राओं में नाती...
आओ थोड़ा हँस लें.. 12
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आओ थोड़ा हँस लें.. 12
संता-बीवी से लड़ाई खत्म हो गई ?
बंता: अरे घुटने टेक कर आई थी मेरे पास।
संता-अच्छा!क्या बोली घुटने टेक कर ?
बंता: बोली कि बेड के नीचे ...
बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी : दीनदयाल शर्मा
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*बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी : **दीनदयाल शर्मा*
महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, प्रेमचन्द या टालस्टाय के बारे में 'कुछ'
लिखना बड़ा आसान ल...
बहुत सुन्दर ..बाल कविता ...
ReplyDeleteरुको रुको चुलबुल बुलबुल तुम
दादी जी चिल्लायीं
छड़ी उठाईं
भ्रमर ५
बाल झरोखा सत्यम की दुनिया