पाखी की सीख
पाखी सबके मन को भाती,
छोटी बहना को समझाती.
दीदी की बातें सुन - सुन के,
मानो तन्वी ध्यान लगाती.
पाखी बिटिया हँसती है जब,
दुनिया भी हँसने लग जाती.
फूलों की बरखा हो जाती.
धरती खुशियों से भर जाती.
रोना - हँसना जीवन अपना.
पाखी हम सबको बतलाती..
दीनदयाल शर्मा, हनुमानगढ़, राजस्थान,