Sunday 16 January 2011

पाखी की सीख / दीनदयाल शर्मा

पाखी की सीख
पाखी सबके मन को भाती,
छोटी बहना को समझाती.

दीदी की बातें सुन - सुन के,
मानो तन्वी ध्यान लगाती.

पाखी बिटिया हँसती है जब, 
दुनिया भी हँसने लग जाती. 

फूलों की बरखा हो जाती.
धरती खुशियों से भर जाती.

रोना - हँसना जीवन अपना. 
पाखी हम सबको बतलाती..

दीनदयाल शर्मा, हनुमानगढ़, राजस्थान,  


हिन्दी में लिखिए