होली के रंग : बदलते ज़माने की रंग बदलती होली
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होली एक ऐसा त्यौहार है जिसे हर पृष्ठभूमि के लोग मनाते हैं, जिसमें दुश्मनी
भुलाकर गले मिलते हैं। फिर भी, एकता और प्यार का यह त्यौहार बदल रहा है।
फाल्गुन क...
10 hours ago
:) आभार चैतन्य को यहाँ जगह देने के लिए .....
ReplyDeleteTHANKS UNCLE...
ReplyDeleteचिड़िया पर बाल कविताएँ
ReplyDelete==================
आपके आदेशानुसार चिड़िया पर बाल कविताएँ आपको भेज रहा हूँ . आपका ई - मेल न रहने से सीधे आपके ब्लाग पर भेज रहा हूँ ---डॉ. नागेश पांडेय 'संजय'
(1)
हुर्र - फुर्र
-डॉ. नागेश पांडेय 'संजय'
एक चिड़ैया
बड़ी गवैया
नाचा करती
ता ता थैया .
लेकिन जब मैं
करता हुर्र
वह झट से
उड़ जाती फुर्र
--
(2)
बोल चिरौटे,चूँ-चूँ,
-डॉ. नागेश पांडेय 'संजय'
चूँ-चूँ, चूँ-चूँ बोल चिरौटे,
चूँ-चूँ, चूँ-चूँ बोल!
देख चिडै़या लाई दाना,
कुटुर-कुटुर कर अब तू खाना।
लेकिन मुँह तो खोल चिरौटे,
लेकिन मुँह तो खोल!
बड़े हो रहे पंख तुम्हारे,
उड़ने की कोशिश कर प्यारे!
आसमान में डोल चिरौटे,
आसमान में डोल!
चिड़िया ने है दही जमाया,
उसे भगौने में रखवाया।
जल्दी ढक्कन खोल चिरौटे,
जल्दी ढक्कन खोल!
चूँ-चूँ, चूँ-चूँ बोल चिरौटे,
चूँ-चूँ, चूँ-चूँ बोल!
हार्दिक सम्मान सहित ,
भवदीय ,
डॉ. नागेश पांडेय 'संजय'
निकट रेलवे कालोनी , सुभाष नगर , शाहजहाँपुर- 242001. (उत्तर प्रदेश, भारत)
नमस्कार . कृपया अपने ब्लाग पर अपना ई - मेल भी प्रकाशित करें.
ReplyDeleteअरे भाई अच्छा हुआ मेले में अकेले कहीं मिलते तो बाबा भ्रमर देव अपने चैतन्य को पहचान पाते कि नहीं ?
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ...मम्मा नाराज न हों ..काला टीका ...ह हां ..नाईस गेट अप ..लबली
भ्रमर ५
bahut badiya saarthak prastuti...
ReplyDeleteMy E mail... deen.taabar@gmail.com
ReplyDeleteशुभ दीपावली,
ReplyDeleteकल 09/11/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है।
ReplyDeleteधन्यवाद!
सुन्दर!
ReplyDeleteBindaaas...!!!! Style...!!!
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