Sunday 23 May 2010

डुक - 9 , 10


डुक  - 9 

जंगळ कटे अर जण बधे,
मतलबियाँ री भीड़,
कठे बणासी पंछी आपरो,
नान्हो सो एक नीड़. 



डुक - 10  

इस्कूल आंवतांईं बांनै,
पढण रो इसो नसो चढे,
कै आठुवें घंटे तांईं ,
सगल़ा  अखबार पढे . 

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