Wednesday, 19 November 2014

बच्चे मन के सच्चे / दीनदयाल शर्मा

हिन्दी बाल कविता....

बच्चे मन के सच्चे  / दीनदयाल शर्मा 

खट खट खट खट कटती लकड़ी 
आठ पैर की होती मकड़ी..

थप थप थप थप देती थपकी 
घोड़ा खड़ा खड़ा ले झपकी..

चट पट चट पट चने चबाए,
बकरी में में कर मिमियाए 

टर टर टर टर मेंढक करता 
चूहा बिल्ली से है डरता..

खट खट खट खट बजते बूट 
बिन जूतों के फिरते ऊँट ..

खड़ खड़ खड़ खड़ होता शोर.
बादल देख के नाचा  मोर..

छट पट छट पट बरखा आए
कागज की सब नाव चलाए..

दड़ बड़ दड़ बड़ भागे बच्चे 
मन से निर्मल होते सच्चे ...

Tuesday, 18 November 2014

शिक्षा की ताकत / दीनदयाल शर्मा

हिंदी बाल कविता -

शिक्षा की ताकत / दीनदयाल शर्मा

टन टन टन जब बजे तो घंटी
भागे दौड़े जाएं स्कूल
दड़बड़ दड़बड़ सब भागें  तो
उड़ती जाए गली की धूल

कंप्यूटर से करें पढ़ाई ,
नई - नई बातें बतलाई
बस्ता अब कुछ हुआ है हल्का ,
मन भारी था हो गया फुलका .

अब न कोई करे बहाना
रोजाना स्कूल को जाना ,
पढ़ लिख कुछ बनने की ठानी
शिक्षा की ताकत पहचानी..

हिन्दी में लिखिए