Sunday, 18 July 2010

राजा चौरसिया की बाल कविता


दादाजी 
दादाजी हो गए रिटायर
लगे काम में रहते अब भी
पहले जैसी मुस्तैदी से
देखभाल करते हैं घर की।

वे जस के तस स्वस्थ मस्त हैं
जैसे फिर जी रहे जवानी
देख चमक चेहरे पर मुझको
अक्सर होती है हैरानी।

कारण पूछा तो दादाजी
बोले, सुन लो प्यारे पोते
जो हरदम सक्रिय रहते
कभी नहीं वे बूढ़े होते।।

-राजा चौरसिया
उमरियापान, जिला: कटनी, 
म.प्र., पिन कोड- 483332

1 comment:

  1. एकदम मेरे दादाजी जैसे ...

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