खोल रहा दुनिया की पोल ।।
इसमें चैनल एक हज़ार ।
इसके बिन जीवन बेकार ।।
कितना प्यारा और सलोना ।
बच्चों का ये एक खिलौना ।।
समाचार इसमें हैं आते ।
कार्टून हैं ख़ूब हँसाते ।।
गीत और संगीत सुनाता ।
पल-पल की घटना बतलाता ।।
बस रिमोट का बटन दबाओ ।
मनचाहा चैनल पा जाओ ।।
यह सबके मन को भाता है ।
क्रिकेट, कुश्ती दिखलाता है ।।
नृत्य सिखाता, मन बहलाता ।
नये-नये पकवान बताता ।।
नई-नई कारों को देखो ।
जगमग त्योहारों को देखो ।।
नए-नए देखो परिधान ।
टेलीविजन बहुत महान ।।
शर्मा जी आपका बहुत-बहुत आभार!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर कविता………………शास्त्री जी को बधाई।
ReplyDeleteअब आपके बीच आ चूका है ब्लॉग जगत का नया अवतार www.apnivani.com
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धनयवाद ...