बच्चे
बच्चे बनाते हैं
मिट्टी में घर
बच्चे बनाते हैं
कागजों में घर
बच्चे बिस्तरों में भी
बनाते हैं घर
बनाते हैं
और मिटा देते हैं
बच्चों को नहीं मालूम
कि क्या होता है घर
पर
बच्चों के बिना
नहीं होता घर .
- दुष्यंत जोशी ( ' एकर आज्या रै चाँद ' राजस्थानी पुस्तक से )
वाह बहुत सुंदर
ReplyDeletebhut khub ! jitem ji me apka fan hu.
ReplyDeleteबच्चों के बिना
ReplyDeleteनहीं होता घर
वाह !बहुत सुन्दर ,सरल व् सच्चाई से हरी -भरी अभिव्यक्ति ।